प्राथमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों के नेतृत्व कौशल का शिक्षकों की व्यावसायिक संतुष्टि के सन्दर्भ में अध्ययन
Author(s): डाॅ0 मनीषा चैहान, रचना गुप्ता
सारांश
इस अध्ययन का उद्देश्य प्राथमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों के नेतृत्व कौशल और शिक्षकों की व्यावसायिक संतुष्टि के बीच संबंध का विश्लेषण करना है। शिक्षा के क्षेत्र में विद्यालय का नेतृत्व और शिक्षक संतुष्टि दो महत्वपूर्ण कारक हैं जो सीधे विद्यालय की गुणवत्ता, शिक्षण प्रक्रिया और विद्यार्थियों की शैक्षिक उपलब्धियों को प्रभावित करते हैं। प्रधानाध्यापक विद्यालय का नेतृत्वकर्ता होने के नाते न केवल प्रशासनिक कार्यों का संचालन करते हैं बल्कि शिक्षकों के प्रेरणा, सहयोग और पेशेवर विकास के लिए मार्गदर्शन भी प्रदान करते हैं। नेतृत्व कौशल के विभिन्न आयाम जैसे निर्णय लेने की क्षमता, संचार कौशल, प्रेरणा प्रदान करना, संघर्ष समाधान और संगठनात्मक प्रबंधन शिक्षकों की व्यावसायिक संतुष्टि पर गहरा प्रभाव डाल सकते हैं। इस अध्ययन का उद्देश्य प्राथमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों के नेतृत्व कौशल और शिक्षकों की व्यावसायिक संतुष्टि के बीच संबंध का विश्लेषण करना है। शिक्षा के क्षेत्र में विद्यालय का नेतृत्व और शिक्षक संतुष्टि दो महत्वपूर्ण कारक हैं जो सीधे विद्यालय की गुणवत्ता, शिक्षण प्रक्रिया और विद्यार्थियों की शैक्षिक उपलब्धियों को प्रभावित करते हैं। प्रधानाध्यापक विद्यालय का नेतृत्वकर्ता होने के नाते न केवल प्रशासनिक कार्यों का संचालन करते हैं बल्कि शिक्षकों के प्रेरणा, सहयोग और पेशेवर विकास के लिए मार्गदर्शन भी प्रदान करते हैं। नेतृत्व कौशल के विभिन्न आयाम जैसे निर्णय लेने की क्षमता, संचार कौशल, प्रेरणा प्रदान करना, संघर्ष समाधान और संगठनात्मक प्रबंधन शिक्षकों की व्यावसायिक संतुष्टि पर गहरा प्रभाव डाल सकते हैं। अध्ययन के परिणामों से यह पता चला कि प्रधानाध्यापकों के प्रभावी नेतृत्व कौशल और शिक्षकों की व्यावसायिक संतुष्टि के बीच सकारात्मक और महत्वपूर्ण संबंध मौजूद है। विशेष रूप से ऐसे प्रधानाध्यापक जो स्पष्ट दृष्टि, प्रेरणादायक संचार, समर्पित मार्गदर्शन और सहयोगात्मक वातावरण प्रदान करते हैं, उनके अधीन कार्यरत शिक्षक अधिक व्यावसायिक रूप से संतुष्ट होते हैं। इसके विपरीत, कमजोर नेतृत्व वाले प्रधानाध्यापक के अधीन शिक्षकों की संतुष्टि में गिरावट देखी गई। अध्ययन के निष्कर्ष यह सुझाव देते हैं कि विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों के नेतृत्व कौशल को विकसित करने के लिए नियमित प्रशिक्षण, कार्यशालाएँ और मार्गदर्शन कार्यक्रमों का आयोजन आवश्यक है। शिक्षकों की संतुष्टि बढ़ाने के लिए प्रधानाध्यापकों को न केवल प्रशासनिक कार्यों में दक्ष होना चाहिए, बल्कि मानवीय दृष्टिकोण, सहयोग और पेशेवर विकास के अवसर प्रदान करने में भी सक्षम होना चाहिए। यह अध्ययन न केवल विद्यालय प्रशासन और शिक्षा नीति निर्माताओं के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह शिक्षकों के पेशेवर कल्याण और विद्यार्थियों की शैक्षिक गुणवत्ता को भी प्रभावित कर सकता है। अंततः यह शोध यह निष्कर्ष प्रस्तुत करता है कि प्रधानाध्यापकों के नेतृत्व कौशल और शिक्षकों की व्यावसायिक संतुष्टि के बीच सकारात्मक संबंध शिक्षा क्षेत्र में गुणवत्ता सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण पहलू है।
मुख्यशब्द – प्राथमिक स्तर के विद्यालयों के प्रधानाध्यापक एवं शिक्षक, नेतृत्व कौशल, व्यावसायिक संतुष्टि।
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1डाॅ0 मनीषा चैहान 2रचना गुप्ता, “प्राथमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों के नेतृत्व कौशल का शिक्षकों की व्यावसायिक संतुष्टि के सन्दर्भ में अध्ययन” Shiksha Samvad International Open Access Peer-Reviewed & Refereed Journal of Multidisciplinary Research, ISSN: 2584-0983 (Online), Volume 03, Issue 01, pp.163-169, September 2025. Journal URL: https://shikshasamvad.com/
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