Shiksha Samvad

Shiksha Samvad

International Journal of Multidisciplinary Research

International Open Access, Peer-reviewed & Refereed Journal | ISSN: 2584-0983 (Online)

Call for Paper: Vol. 2 – Issue 3 – March 2025 (Last Date- 30 March 2025)

डी.एल.एड. एवं बी.एड. पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत् विद्यार्थियों की संवेगात्मक बुद्धि का उनकी शिक्षण अभिक्षमता के सन्दर्भ में अध्ययन

Vol. 03, Issue 01, pp. 170–175 |  Published: 11 September 2025

Author(s): डाॅ0 मनीषा चैहान, अतुल कुमार खरे

Abstract

              सारांश
डी.एल.एड. एवं बी.एड. पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत् विद्यार्थियों की संवेगात्मक बुद्धि और उनकी शिक्षण अभिक्षमता के बीच सम्बन्ध का अध्ययन वर्तमान शिक्षा के क्षेत्र में अत्यंत महत्वपूर्ण है। शिक्षण केवल शैक्षणिक ज्ञान या तकनीकी दक्षता तक सीमित नहीं है बल्कि इसमें शिक्षक की संवेगात्मक क्षमता, सामाजिक कौशल, और विद्यार्थियों के मनोवैज्ञानिक आवश्यकताओं को समझने की योग्यता भी शामिल होती है। संवेगात्मक बुद्धि वह क्षमता है, जिसके द्वारा व्यक्ति अपने और दूसरों के भावनाओं को पहचानता, समझता और नियंत्रित करता है तथा इन्हें सकारात्मक रूप से व्यवहार में लागू कर सकता है। यह विशेष रूप से शिक्षक शिक्षार्थियों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि एक शिक्षक की संवेगात्मक बुद्धि उसके कक्षा प्रबंधन, विद्यार्थियों के साथ संवाद, प्रेरणा देने की क्षमता और समस्या समाधान कौशल को प्रभावित करती है। डी.एल.एड. और बी.एड. पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत् विद्यार्थी भविष्य के प्राथमिक, माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्तर के शिक्षक बनते हैं। इस अध्ययन का उद्देश्य यह समझना है कि इन पाठ्यक्रमों के विद्यार्थियों की संवेगात्मक बुद्धि उनके शिक्षण अभिक्षमता, जैसे कि पाठ योजना बनाना, शिक्षण विधियों का चयन, विद्यार्थियों को सीखने के लिए प्रेरित करना, और सीखने की प्रक्रिया में उत्पन्न समस्याओं का समाधान करने की क्षमता पर किस प्रकार प्रभाव डालती है। अध्ययन में यह भी ध्यान दिया जाता है कि क्या संवेगात्मक बुद्धि में उच्च स्तर वाले शिक्षार्थी अधिक प्रभावी और संवेदनशील शिक्षक बनते हैं। यह अध्ययन गुणात्मक और मात्रात्मक दोनों दृष्टिकोणों से किया जा सकता है। प्रारंभिक निष्कर्ष यह संकेत कर सकते हैं कि जिन विद्यार्थियों में संवेगात्मक बुद्धि अधिक विकसित होती है, वे न केवल शिक्षण प्रक्रियाओं को अधिक प्रभावी ढंग से संचालित करते हैं, बल्कि विद्यार्थियों के मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक आवश्यकताओं को समझकर कक्षा में सकारात्मक और सहयोगात्मक वातावरण भी उत्पन्न कर पाते हैं। इसके अलावा, संवेगात्मक बुद्धि में सुधार के लिए प्रशिक्षकों द्वारा कार्यशालाओं, समूह गतिविधियों, और आत्म-प्रतिबिंब तकनीकों का प्रयोग शिक्षार्थियों की समग्र शिक्षण क्षमता को बढ़ाने में सहायक हो सकता है। अतः यह अध्ययन यह स्पष्ट करता है कि शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों में संवेगात्मक बुद्धि का विकास केवल व्यक्तिगत स्तर पर ही नहीं, बल्कि समग्र शिक्षा प्रणाली की गुणवत्ता में भी योगदान देता है। इससे शिक्षा के क्षेत्र में संवेदनशील, प्रभावी और प्रेरक शिक्षक तैयार होते हैं, जो विद्यार्थियों की शैक्षणिक, सामाजिक और भावनात्मक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। यह शोध न केवल शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों के पाठ्यक्रमों को और अधिक समग्र बनाने में सहायक होगा, बल्कि शिक्षक बनने वाले विद्यार्थियों के पेशेवर विकास में भी मार्गदर्शक सिद्ध होगा।
मुख्यशब्द – डी.एल.एड. एवं बी.एड. पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत विद्यार्थी, संवेगात्मक बुद्धि, शिक्षण अभिक्षमता।

Cite this Article:

1डाॅ0 मनीषा चैहान 2अतुल कुमार खरे, “डी.एल.एड. एवं बी.एड. पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत् विद्यार्थियों की संवेगात्मक बुद्धि का उनकी शिक्षण अभिक्षमता के सन्दर्भ में अध्ययन Shiksha Samvad International Open Access Peer-Reviewed & Refereed Journal of Multidisciplinary Research, ISSN: 2584-0983 (Online), Volume 03, Issue 01, pp.163-169, September 2025. Journal URL: https://shikshasamvad.com/  

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